*छत्तीसगढ़ का बजट मध्यम एवं गरीब वर्ग के लिए मात्र झुनझुना ,,,,,,,मोहन सेनापति*
- काँकेर, सरस्वती कला मंच के अध्यक्ष मोहन सेनापति ने छत्तीसगढ़ के पूर्व नौकरशाह तथा वर्तमान वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत बजट को केवल अपनी पीठ थपथपाना बताया है। इस बजट में मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग एवं गरीब वर्ग को अनदेखा किया गया है। बेरोजगारों के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं है । मात्र 3% महंगाई भत्ता देकर कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश की गई है किन्तु पूर्व प्रदत्त महंगाई भत्ते के एरियर्स की राशि नहीं दी गयी , जिससे कर्मचारी नाखुश हैं। कर्मचारियों की भर्ती ,शिक्षक भर्ती,योग शिक्षक भर्ती,खेल एवं व्यायाम शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लंबित है, जिसे सरकार की एक वर्ष से अधिक समयावधि होने के बाद भी पूर्ण नहीं किया गया। श्री सेनापति ने कहा, एक ओर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने योग पर जोर देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पहचान दी तो दूसरी ओर रमन सरकार के समय से योग शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लंबित है ,जो साय सरकार के आने पर एक वर्ष बीत जाने पर भी दरकिनार किया जाना दुर्भाग्यजनक है। अतः सरकार से निवेदन है कि बेरोजगारों का ध्यान रखते हुए रोजगार के अवसर प्रदान करें ,पी टी आई, योग शिक्षक,प्राथमिक सहायक शिक्षक,उच्च प्राथमिक शिक्षक,व्याख्याता भर्ती हेतु शीघ्र विज्ञापन निकालकर बेरोजगारों के साथ न्याय करें और घोषणा पत्र के अनुरूप आत्मानंद विद्यालय के संविदा शिक्षकों को नियमित करने की कार्यवाही करें ताकि गरीब वर्ग एवं मध्यम वर्ग को रोजगार के अवसर मिल सके, जिससे उनके परिवारों को राहत मिले। काँकेर के लोग 70 वर्षों से रेल लाइन की राह देख रहे हैं लेकिन ना तो केंद्रीय बजट में और ना राज्य के बजट में रेल का नाम तक नहीं लिया गया। काँकेर को कमिश्नरी बनाने कि केवल बातें की जाती हैं लेकिन अमल नहीं होता । सच तो यह है कि आज भी कई मामलों में काँकेर ज़िले के लोग जगदलपुर बस्तर पर निर्भर हैं । कमिश्नरी यहीं होने पर ही काँकेर ज़िला आत्मनिर्भर हो सकेगा। आशा की जाती है कि बजट सत्र समाप्त होने के पहले ही बजट में कांकेर तथा बस्तर के हित में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे, अन्यथा यहां के लोगों के लिए तो बजट निराशाजनक है ही।
