*50 वोट भी मिले तो मैं अपनी जीत समझूंगा,,,,, (सेनापति)*
आम आदमी के प्रत्यासी मोहन सेनापति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये बयान दिया कि यदि उन्हें 50 वोट भी प्राप्त हो जाएं तो भी वो अपनी जीत मानकर संतुष्ट हो जाएंगे।
शिक्षक,समाजसेवा, मानवधर्म,अध्यात्म के बाद राजनीति में आए मोहन सेनापति ने अपने कटु अनुभव बताये कि राजनीति में कितनी तिकड़मबाजी होती है, ये उसमें घुसने के बाद ही पता चलता है। सेनापति ने बताया आम आदमी पार्टी में शामिल इसलिए हुआ ताकि जन बल का समर्थन मिलेगा किन्तु पंचायत चुनाव होने के कारण सभी अपने,अपने क्षेत्र में व्यस्त थे। अकेले सभी कार्य करना पड़ा। कुछ मित्र बाहर से मार्गदर्शन एवं सहयोग किए । संजय मन्शानी,वीरेंद्र ठाकुर एवं रामेश्वर ठाकुर का सहयोग मिला लेकिन पूरा कार्य ,फॉर्म लेने से लेकर प्रचार तक अकेले जूझना पड़ा। किसी भी मोहल्ले में ठीक से जनसंपर्क नहीं कर पाया । अपने मोहल्ले में ही कुछ लोगों से मिला, बाकी 20 मोहल्लों में संपर्क नहीं करने से उनसे वोट मिलने का सवाल ही नहीं । यदि मैं सभी वार्ड्स में जाता और संपर्क करता तो अवश्य कुछ प्रभावित कर चार,पांच हजार वोट पा सकता था । अकेला होने के कारण निर्वाचन के अन्य फॉर्म भरने, बार-बार बैठक,बैंक खाता खुलवाने, वाहन व्यवस्था,माइक,जनरेटर,
अनुमति इन्हीं कार्यों में व्यस्त होने के कारण लोगों से नहीं मिल पाया और प्रचार भी शून्य के बराबर हुआ। इसके बावजूद यदि मेरी मजबूरी को जानकर कुछ शुभचिंतक,हितैषी मुझे वोट दिए होंगे तो मैं उसे ही अपनी उपलब्धि मानकर संतुष्ट हो जाऊंगा। जानता हूं, 50 वोट पार करना भी आसान नहीं होगा। मोहन सेनापति ने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि मैं धन बल और बाहुबल के सामने चुनौती बनकर अकेला खड़ा रहा और चुनाव लड़ने की अपनी मंशा को सारे तरह-तरह के कष्टों के बावजूद पूर्ण किया। फिल्मों में राजनीति के बारे में जो कष्ट ,परेशानी,दुख दिखाया जाता है ,उसका मुझे साक्षात अनुभव हुआ। वैसे भी मैं हर कार्य अपनी मर्जी से करता हूं ,राजनीति में भी आना मेरी मर्जी थी, इसका स्वाद भी चख लिया लेकिन अनुभव इतने मिले कि भविष्य में किसी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करना हो तो मैं बखूबी निभा सकता हूं। सेनापति अपने घोषणा में पहले ही कह चुके हैं कि नगरपालिका अध्यक्ष हेतु मेरा यह पहला और अंतिम चुनाव है, इसके बाद मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा ,कौन अपना है, कौन अपनापन केवल दिखाता है, ये अनुभव भी चुनाव में खड़े होने से मिले किन्तु ये अच्छी बात है कि अन्य दोनों पार्टी वाले मुझे मेरी कमियों को बताकर मेरा हौसला बढ़ाने में सहयोग किये, जिसका मै आभारी हूं । अन्य शुभचिंतकों ने भी मेरा अप्रत्यक्ष समर्थन,सहयोग एवं मार्गदर्शन किया, उनका भी मैं आभारी हूं और काँकेर की जनता का बहुत आभारी हूं कि राजनीतिक क्षेत्र में अनुभवहीन को आप लोग कुछ सोचकर ही वोट दिए होंगे। जो भी परिणाम आएगा ,मैं उससे पूर्ण संतुष्ट रहूंगा।
