*कृषि की नवीनतम तकनीक, प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को किया जा रहा जागरूक*
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में कृषकों के प्रत्यक्ष जुड़ाव तथा संवाद के माध्यम से कृषि और किसान को सम्पन्न बनाने की दिशा में देशव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ आज से प्रारंभ होकर आगामी 12 जून तक करने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिले के कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि उद्यानिकी, पशु पालन एवं मछली पालन विभाग के सहभागिता से अभियान को सम्पूर्ण जिले में क्रियान्वित किया जाएगा।
इसका मुख्य उद्देश्य प्रमुख खरीफ फसलों की नवीनतम तकनीकों के संबंध में कृषकों के मध्य जागरूकता का निर्माण एवं प्राकृतिक खेती करने की विधि बताई जाएगी। इसी प्रकार विभिन्न कृषकोन्मुखी शासकीय योजनाओं एवं नीतियों के संबंध में प्रचार-प्रसार के साथ ‘मृदा स्वास्थ्य पत्रक’ की अनुशंसा के आधार पर उर्वरक तथा सूक्ष्म तत्वों की आवश्यक मात्रा के निर्धारण हेतु कृषकों को जागरूक करते हुए संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके अलावा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी एवं आधुनिक यंत्रों के उपयोग से स्मार्ट कृषि तथा कृषकों से प्राप्त सुझाव एवं समस्याओं तथा कृषकों द्वारा किए गए नवाचारों के संबंध में जानकारियों का संकलन के आधार पर आवश्यक अनुसंधान प्राथमिकताओं का निर्धारण किया जाएगा।
उप संचालक कृषि ने बताया कि इस अभियान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों तथा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन विभागों के मैदानी अमलों को समाहित करते हुए जिले में न्यूनतम 04 दल तैयार किए जा रहे हैं। प्रत्येक दल के साथ एक कृषि रथ रहेगा, जो दल के प्रवास उपयोग के अलावा दृश्य-श्रव्य साधनों से प्रचार-प्रसार भी करेगा। प्रत्येक दल प्रतिदिन न्यूनतम दो ग्रामों में कृषकों से प्रत्यक्ष संवाद तथा परिचर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान पी.एम. किसान, डिजिटल एग्रीकल्चर एवं अन्य विभागीय योजनाओं हेतु पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन एवं योजनांतर्गत लाभ लेने हेतु चयन किया जाएगा। जिले में स्थित एफ.पी.ओ. लखपति दीदी समूह तथा अन्य उत्पादक समूहों एवं कृषकों के मध्य परिचर्चा द्वारा विपणन, स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण गतिविधियों का विकास तथा नव विकसित तकनीकों यथा ड्रोन, स्थानीय स्तर पर जैविक कीटनाशी का निर्माण के संबंध में यथासंभव जीवंत प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार कृषकों को वितरित मृदा स्वास्थ्य पत्रक के संबंध में कृषक-वैज्ञानिक प्रत्यक्ष परिचर्चा के माध्यम से जागरूक कर डीएपी उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों तथा सूक्ष्म तत्वों के उपयोग के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा उच्चहन भूमियों में धान के स्थान पर दलहन, तिलहन एवं मक्का उत्पादन, विभिन्न विभागीय योजनाओं जैसे नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग, नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल (ऑयल सीड एव ऑयल पाम) सीड के संबंध में जानकारी प्रदाय की जाएगी। साथ ही धान की डीएसआर पद्धति, पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई की जानकारी तथा आवश्यकतानुसार कृषि आदानों (बीज, बीज मिनीकिट) का जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वितरण किया जाएगा। जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा इस अभियान को सफल हेतु बनाने जनप्रतिनिधियों एवं कृषकों को सक्रिय सहभागिता निभाने की अपील की गई है
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